यदि हम ईश्वर के साथ अन्तर्सम्पर्क में हों तो हमारी अनुभूति असीम होती है, जो उस दिव्य उपस्थिति के सागरीय प्रवाह में सर्वव्यापक हो जाती है। जब परमात्मा का ज्ञान हो जाता है, और जब हम स्वयं को आत्मा के रूप में जान लेते हैं, तो जल या थल, पृथ्वी https://www.instagram.com/reel/DQQeTWCk17i/
A Secret Weapon For Vidhi vidhan
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